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  • Elder sister to her brother
    मुझे नहीं मालूम छोटे कि वादे क्या होते हैं
    मुझे नहीं मालूम छोटे कि नेक इरादे क्या होते हैं
    मुझे नहीं मालूम छोटे कि इंतज़ार का दर्द कम हो तो कैसे
    मुझे नहीं मालूम छोटे कि मौसम सर्द कम हो तो कैसे
    परंतु मां का यह आंचल है न हमारे पास मैं बड़ी, है मुझे तेरे छोटे होने का अहसास l "मोरनी"
    Elder sister to her brother😊 मुझे नहीं मालूम छोटे कि वादे क्या होते हैं मुझे नहीं मालूम छोटे कि नेक इरादे क्या होते हैं मुझे नहीं मालूम छोटे कि इंतज़ार का दर्द कम हो तो कैसे मुझे नहीं मालूम छोटे कि मौसम सर्द कम हो तो कैसे परंतु मां का यह आंचल है न हमारे पास मैं बड़ी, है मुझे तेरे छोटे होने का अहसास l "मोरनी"
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  • नफरत का बाजार ना बन
    फूल खिला तलवार ना बन
    रिश्ता रिश्ता लिख मंज़िल
    रस्ता बन दीवार ना बन
    कुछ लोगों से बैर भी ले
    दुनिया भर का यार ना बन
    सबकी अपनी सांसे हैं
    सबका दावेदार ना बन
    कौन खरीदेगा तुझको
    उर्दू का अखबार ना बन l "मोरनी"
    नफरत का बाजार ना बन फूल खिला तलवार ना बन रिश्ता रिश्ता लिख मंज़िल रस्ता बन दीवार ना बन कुछ लोगों से बैर भी ले दुनिया भर का यार ना बन सबकी अपनी सांसे हैं सबका दावेदार ना बन कौन खरीदेगा तुझको उर्दू का अखबार ना बन l "मोरनी"
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  • मैं न झुक सकती हूं
    न रुक सकती हूं
    न टूट सकती हूं
    न रूठ सकती हूं
    जीवन पथ पर
    सतत अग्रसर
    मैं अपने हृदय में विश्वास
    पीठ पर प्रेम और वात्सल्य
    लेकर चलती हूं
    याद रहे तुम्हें मैं भरोसा हूं तुम्हारा ....मोरनी
    मैं न झुक सकती हूं न रुक सकती हूं न टूट सकती हूं न रूठ सकती हूं जीवन पथ पर सतत अग्रसर मैं अपने हृदय में विश्वास पीठ पर प्रेम और वात्सल्य लेकर चलती हूं याद रहे तुम्हें मैं भरोसा हूं तुम्हारा ....मोरनी
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  • महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है.......
    महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है.......
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  • मैं तो चुप हूँ तुम्हें कुछ कहना है क्या...
    मैं तो बस डूब रही हूँ तुम्हें अब भी बहना है क्या...
    मेरे बरदाश्त के बाहर है जो दर्द अभी तुम्हें सहना है क्या...
    मेरा दिल तो खंडहर टूटा तुम्हें इसमें अब भी रहना है क्या...
    सुखों के जेवर नहीं भाये मुझको दुःखों का कोई गहना है क्या...
    मिट्टी के घरोंदों की किस्मत में लिखा महज़ ढ़हना है क्या...
    "मोरनी"
    मैं तो चुप हूँ तुम्हें कुछ कहना है क्या... मैं तो बस डूब रही हूँ तुम्हें अब भी बहना है क्या... मेरे बरदाश्त के बाहर है जो दर्द अभी तुम्हें सहना है क्या... मेरा दिल तो खंडहर टूटा तुम्हें इसमें अब भी रहना है क्या... सुखों के जेवर नहीं भाये मुझको दुःखों का कोई गहना है क्या... मिट्टी के घरोंदों की किस्मत में लिखा महज़ ढ़हना है क्या... "मोरनी"
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  • मूक हैं प्रभु प्रार्थना मेरी
    स्वीकार तो कर लोगे न ?

    बहुत अज्ञानी हूँ मैं
    अंगीकार कर लोगे न ?

    नाव कच्ची मिट्टी की देह की
    भव सागर से पार कर दोगे न ?

    हैं बहुत सी त्रुटियाँ अभी बाकी
    मुझ में सुधार कर दोगे न ?

    तेरे सिवा कोई नहीं मेरा
    मुझ से तुम प्यार कर लोगे न ?

    काँटों भरी है खिज़ा जिंदगी की
    राहों को मेरी बहार कर दोगे न?

    मुझे तो है भरोसा तुम पर
    तुम भी मेरा ऐतबार कर लोगे न?

    संसार में रहूँ पर न हो संसार मुझ में
    तुम इतना मुझ पर उपकार कर दोगे न?
    "मोरनी"
    मूक हैं प्रभु प्रार्थना मेरी स्वीकार तो कर लोगे न ? बहुत अज्ञानी हूँ मैं अंगीकार कर लोगे न ? नाव कच्ची मिट्टी की देह की भव सागर से पार कर दोगे न ? हैं बहुत सी त्रुटियाँ अभी बाकी मुझ में सुधार कर दोगे न ? तेरे सिवा कोई नहीं मेरा मुझ से तुम प्यार कर लोगे न ? काँटों भरी है खिज़ा जिंदगी की राहों को मेरी बहार कर दोगे न? मुझे तो है भरोसा तुम पर तुम भी मेरा ऐतबार कर लोगे न? संसार में रहूँ पर न हो संसार मुझ में तुम इतना मुझ पर उपकार कर दोगे न? "मोरनी"
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