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नफरत का बाजार ना बन
फूल खिला तलवार ना बन
रिश्ता रिश्ता लिख मंज़िल
रस्ता बन दीवार ना बन
कुछ लोगों से बैर भी ले
दुनिया भर का यार ना बन
सबकी अपनी सांसे हैं
सबका दावेदार ना बन
कौन खरीदेगा तुझको
उर्दू का अखबार ना बन l "मोरनी"नफरत का बाजार ना बन फूल खिला तलवार ना बन रिश्ता रिश्ता लिख मंज़िल रस्ता बन दीवार ना बन कुछ लोगों से बैर भी ले दुनिया भर का यार ना बन सबकी अपनी सांसे हैं सबका दावेदार ना बन कौन खरीदेगा तुझको उर्दू का अखबार ना बन l "मोरनी" -
मैं न झुक सकती हूं
न रुक सकती हूं
न टूट सकती हूं
न रूठ सकती हूं
जीवन पथ पर
सतत अग्रसर
मैं अपने हृदय में विश्वास
पीठ पर प्रेम और वात्सल्य
लेकर चलती हूं
याद रहे तुम्हें मैं भरोसा हूं तुम्हारा ....मोरनी0 Comments 0 Shares 201 Views -
मैं न झुक सकती हूं
न रुक सकती हूं
न टूट सकती हूं
न रूठ सकती हूं
जीवन पथ पर
सतत अग्रसर
मैं अपने हृदय में विश्वास
पीठ पर प्रेम और वात्सल्य
लेकर चलती हूं
याद रहे तुम्हें मैं भरोसा हूं तुम्हारा ....मोरनीमैं न झुक सकती हूं न रुक सकती हूं न टूट सकती हूं न रूठ सकती हूं जीवन पथ पर सतत अग्रसर मैं अपने हृदय में विश्वास पीठ पर प्रेम और वात्सल्य लेकर चलती हूं याद रहे तुम्हें मैं भरोसा हूं तुम्हारा ....मोरनी0 Comments 1 Shares 206 Views -
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