Sponsored
Promoted Posts
TU Hai kahan a raw cover by WE
TU Hai kahan a raw cover by WE
Love
Like
Yeh
Wow
11
2 Comments 0 Shares 786 Views 39
  • घर लौटना अब घर को सुहाता नहीं है
    कोई भी रास्ता अब रास आता नहीं है

    मैं ये दर्द कहूं भी तो किससे कहूं
    मरना मुहाल जिया भी तो जाता नहीं है

    न उम्मीद बची कोई न ही हिम्मत शेष है
    यह नेह का नाता तोड़ा क्यूं जाता नहीं है

    कब तक साथ निभाएगी तू भी आख़िर
    अब तेरा दुःख मुझसे देखा जाता नहीं है

    बेरहम है वक्त और जालिम है ज़माना
    खुदा भी राह कोई क्यों दिखाता नहीं है
    "मोरनी"
    घर लौटना अब घर को सुहाता नहीं है कोई भी रास्ता अब रास आता नहीं है मैं ये दर्द कहूं भी तो किससे कहूं मरना मुहाल जिया भी तो जाता नहीं है न उम्मीद बची कोई न ही हिम्मत शेष है यह नेह का नाता तोड़ा क्यूं जाता नहीं है कब तक साथ निभाएगी तू भी आख़िर अब तेरा दुःख मुझसे देखा जाता नहीं है बेरहम है वक्त और जालिम है ज़माना खुदा भी राह कोई क्यों दिखाता नहीं है "मोरनी"
    0 Comments 0 Shares 198 Views
  • किसे हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है
    किसे हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है
    1
    0
    0
    0
    Love
    1
    0 Comments 0 Shares 249 Views
  • Like
    1
    0 Comments 0 Shares 367 Views 34
  • Like
    1
    0 Comments 0 Shares 369 Views 42
  • आँसू की बिसात ही क्या
    जब जी चाहा निकल गया
    इसने तब तब छोड़ा साथ
    जब हृदय दर्द विकल रहा
    आँखों से संबध भी इसका
    देखो कितना विफल रहा
    यह कायर क्या जीना जाने
    खुदकुशी में ही सफल रहा
    इसका करे क्या भरोसा कोई
    यह खुशियों में भी छलक गया
    फ़रेबी आँसू यह बंजारा सा
    हर ढाढस पा कर बहक गया
    आँसू खारा पानी या मोती
    सोचो इसका मोल है क्या
    कीमत इसकी आंक सके
    दुनिया की औकात है क्या
    भीतर गिरता जलाता हिय को
    यह भी भला कोई बात है क्या...
    "मोरनी"
    आँसू की बिसात ही क्या जब जी चाहा निकल गया इसने तब तब छोड़ा साथ जब हृदय दर्द विकल रहा आँखों से संबध भी इसका देखो कितना विफल रहा यह कायर क्या जीना जाने खुदकुशी में ही सफल रहा इसका करे क्या भरोसा कोई यह खुशियों में भी छलक गया फ़रेबी आँसू यह बंजारा सा हर ढाढस पा कर बहक गया आँसू खारा पानी या मोती सोचो इसका मोल है क्या कीमत इसकी आंक सके दुनिया की औकात है क्या भीतर गिरता जलाता हिय को यह भी भला कोई बात है क्या... "मोरनी"
    Love
    2
    0 Comments 0 Shares 456 Views
  • हे कान्हा...
    जब जब मैंने पग धरा
    तब तब तुमने हाथ धरा
    जब जब डगमग हुए कदम
    तूने मुझको थाम लिया
    क्या मांगूं तुमसे मैं प्रभु
    हरपल तेरा स्नेह मिला
    तुम तो सर्वज्ञ हो प्रभु
    तुमने यह संसार रचा
    गुण अवगुण हैं तुमको अर्पित
    अब तुम ही करो उद्धार सखा ll
    "मोरनी "🙏🏻🙏🏻
    हे कान्हा... जब जब मैंने पग धरा तब तब तुमने हाथ धरा जब जब डगमग हुए कदम तूने मुझको थाम लिया क्या मांगूं तुमसे मैं प्रभु हरपल तेरा स्नेह मिला तुम तो सर्वज्ञ हो प्रभु तुमने यह संसार रचा गुण अवगुण हैं तुमको अर्पित अब तुम ही करो उद्धार सखा ll "मोरनी "🙏🏻🙏🏻
    0 Comments 0 Shares 663 Views
More Stories