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एक सहेली ने दूसरी सहेली से पूछा:- बच्चा पैदा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया ?
सहेली ने कहा - कुछ भी नहीं!

उसने सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये अच्छी बात है ? क्या उस की नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं ?

लफ्ज़ों का ये ज़हरीला बम गिरा कर वह सहेली दूसरी सहेली को अपनी फिक्र में छोड़कर चलती बनी।

थोड़ी देर बाद शाम के वक्त उसका पति घर आया और पत्नी का मुंह लटका हुआ पाया। फिर दोनों में झगड़ा हुआ।

एक दूसरे को लानतें भेजी। मारपीट हुई, और आखिर पति पत्नी में तलाक हो गया।

जानते हैं प्रॉब्लम की शुरुआत कहां से हुई ? उस फिजूल जुमले से जो उसका हालचाल जानने आई सहेली ने कहा था।

बिकास जी ने अपने जिगरी दोस्त पवन से पूछा:- तुम कहां काम करते हो?

मनोज जी- फला दुकान में।
बिकास जी - कितनी तनख्वाह देता है मालिक?
मनोज जी-18 हजार।

बिकास जी-18000 रुपये बस, तुम्हारी जिंदगी कैसे कटती है इतने पैसों में ?
मनोज जी- (गहरी सांस खींचते हुए)- बस यार क्या बताऊं।

मीटिंग खत्म हुई, कुछ दिनों के बाद मनोज जी अब अपने काम से बेरूखा हो गया। और तनख्वाह बढ़ाने की डिमांड कर दी।

जिसे मालिक ने रद्द कर दिया। पवन ने जॉब छोड़ दी और बेरोजगार हो गया। पहले उसके पास काम था अब काम नहीं रहा।

एक साहब ने एक शख्स से कहा जो अपने बेटे से अलग रहता था। तुम्हारा बेटा तुमसे बहुत कम मिलने आता है। क्या उसे तुमसे मोहब्बत नहीं रही?

बाप ने कहा बेटा ज्यादा व्यस्त रहता है, उसका काम का शेड्यूल बहुत सख्त है। उसके बीवी बच्चे हैं, उसे बहुत कम वक्त मिलता है।

पहला आदमी बोला- वाह!!

यह क्या बात हुई, तुमने उसे पाला-पोसा उसकी हर ख्वाहिश पूरी की, अब उसको बुढ़ापे में व्यस्तता की वजह से मिलने का वक्त नहीं मिलता है। तो यह ना मिलने का बहाना है

इस बातचीत के बाद बाप के दिल में बेटे के प्रति शंका पैदा हो गई। बेटा जब भी मिलने आता वो ये ही सोचता रहता कि उसके पास सबके लिए वक्त है सिवाय मेरे।

याद रखिए जुबान से निकले शब्द दूसरे पर बड़ा गहरा असर डाल देते हैं।। बेशक कुछ लोगों की जुबानों से शैतानी बोल निकलते हैं।

हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत से सवाल हमें बहुत मासूम लगते हैं।

जैसे-
तुमने यह क्यों नहीं खरीदा।
तुम्हारे पास यह क्यों नहीं है।

तुम इस शख्स के साथ पूरी जिंदगी कैसे चल सकती हो।
तुम उसे कैसे मान सकते हो।
वगैरा वगैरा।।

इस तरह के बेमतलबी फिजूल के सवाल नादानी में या बिना मकसद के हम पूछ बैठते हैं।

जबकि हम यह भूल जाते हैं कि हमारे ये सवाल सुनने वाले के दिल में नफरत या मोहब्बत का कौन सा बीज बो रहे हैं।।

आज के दौर में हमारे इर्द-गिर्द, समाज या घरों में जो टेंशन टाइट होती जा रही है, उनकी जड़ तक जाया जाए तो अक्सर उसके पीछे किसी और का हाथ होता है।

वो ये नहीं जानते कि नादानी में या जानबूझकर बोले जाने वाले जुमले किसी की ज़िंदगी को तबाह कर सकते हैं।

ऐसी हवा फैलाने वाले हम ना बनें।
जय श्री राम हर हर महादेव
एक सहेली ने दूसरी सहेली से पूछा:- बच्चा पैदा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया ? सहेली ने कहा - कुछ भी नहीं! उसने सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये अच्छी बात है ? क्या उस की नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं ? लफ्ज़ों का ये ज़हरीला बम गिरा कर वह सहेली दूसरी सहेली को अपनी फिक्र में छोड़कर चलती बनी। थोड़ी देर बाद शाम के वक्त उसका पति घर आया और पत्नी का मुंह लटका हुआ पाया। फिर दोनों में झगड़ा हुआ। एक दूसरे को लानतें भेजी। मारपीट हुई, और आखिर पति पत्नी में तलाक हो गया। जानते हैं प्रॉब्लम की शुरुआत कहां से हुई ? उस फिजूल जुमले से जो उसका हालचाल जानने आई सहेली ने कहा था। बिकास जी ने अपने जिगरी दोस्त पवन से पूछा:- तुम कहां काम करते हो? मनोज जी- फला दुकान में। बिकास जी - कितनी तनख्वाह देता है मालिक? मनोज जी-18 हजार। बिकास जी-18000 रुपये बस, तुम्हारी जिंदगी कैसे कटती है इतने पैसों में ? मनोज जी- (गहरी सांस खींचते हुए)- बस यार क्या बताऊं। मीटिंग खत्म हुई, कुछ दिनों के बाद मनोज जी अब अपने काम से बेरूखा हो गया। और तनख्वाह बढ़ाने की डिमांड कर दी। जिसे मालिक ने रद्द कर दिया। पवन ने जॉब छोड़ दी और बेरोजगार हो गया। पहले उसके पास काम था अब काम नहीं रहा। एक साहब ने एक शख्स से कहा जो अपने बेटे से अलग रहता था। तुम्हारा बेटा तुमसे बहुत कम मिलने आता है। क्या उसे तुमसे मोहब्बत नहीं रही? बाप ने कहा बेटा ज्यादा व्यस्त रहता है, उसका काम का शेड्यूल बहुत सख्त है। उसके बीवी बच्चे हैं, उसे बहुत कम वक्त मिलता है। पहला आदमी बोला- वाह!! यह क्या बात हुई, तुमने उसे पाला-पोसा उसकी हर ख्वाहिश पूरी की, अब उसको बुढ़ापे में व्यस्तता की वजह से मिलने का वक्त नहीं मिलता है। तो यह ना मिलने का बहाना है इस बातचीत के बाद बाप के दिल में बेटे के प्रति शंका पैदा हो गई। बेटा जब भी मिलने आता वो ये ही सोचता रहता कि उसके पास सबके लिए वक्त है सिवाय मेरे। याद रखिए जुबान से निकले शब्द दूसरे पर बड़ा गहरा असर डाल देते हैं।। बेशक कुछ लोगों की जुबानों से शैतानी बोल निकलते हैं। हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बहुत से सवाल हमें बहुत मासूम लगते हैं। जैसे- तुमने यह क्यों नहीं खरीदा। तुम्हारे पास यह क्यों नहीं है। तुम इस शख्स के साथ पूरी जिंदगी कैसे चल सकती हो। तुम उसे कैसे मान सकते हो। वगैरा वगैरा।। इस तरह के बेमतलबी फिजूल के सवाल नादानी में या बिना मकसद के हम पूछ बैठते हैं। जबकि हम यह भूल जाते हैं कि हमारे ये सवाल सुनने वाले के दिल में नफरत या मोहब्बत का कौन सा बीज बो रहे हैं।। आज के दौर में हमारे इर्द-गिर्द, समाज या घरों में जो टेंशन टाइट होती जा रही है, उनकी जड़ तक जाया जाए तो अक्सर उसके पीछे किसी और का हाथ होता है। वो ये नहीं जानते कि नादानी में या जानबूझकर बोले जाने वाले जुमले किसी की ज़िंदगी को तबाह कर सकते हैं। ऐसी हवा फैलाने वाले हम ना बनें।✍️🙏 जय श्री राम हर हर महादेव
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  • Jo mil na ska uska intzaar kyu h,
    Jo mil raha h usse inkaar kyu h,
    Bda mushkil h smjhna khud ko,
    Jise fikar hi nhi hamaari.....
    Uske liya itna pyaar kyu h...!
    Jo mil na ska uska intzaar kyu h, Jo mil raha h usse inkaar kyu h, Bda mushkil h smjhna khud ko, Jise fikar hi nhi hamaari..... Uske liya itna pyaar kyu h...! 🥺🥺🥺🥺🥺
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  • जादू है तेरी हर एक बात में,,
    याद बहुत आते हो दिन और रात में
    कल जब देखा था सपना मैने रात में,,
    तब भी आपका ही हाथ था मेरे हाथ में...!
    जादू है तेरी हर एक बात में,, याद बहुत आते हो दिन और रात में कल जब देखा था सपना मैने रात में,, तब भी आपका ही हाथ था मेरे हाथ में...!
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  • मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
    हमें तो मरता सिर्फ खुदा ने देखा है,
    मैं तन्हाई में बैठकर अकसर रोता हूं,
    लोगों ने तो सिर्फ मुझे मुस्कुराते देखा है....!
    मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, हमें तो मरता सिर्फ खुदा ने देखा है, मैं तन्हाई में बैठकर अकसर रोता हूं, लोगों ने तो सिर्फ मुझे मुस्कुराते देखा है....!
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  • अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गए,
    बातों के सिलसिले भी कम हो गए,
    खुशियों से ज़्यादा हमारे पास गम गए,
    क्या पता ये वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए...!
    अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गए, बातों के सिलसिले भी कम हो गए, खुशियों से ज़्यादा हमारे पास गम गए, क्या पता ये वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए...! 🥺🥺🥺
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