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नीड़ को ज्यों लौटें खग - विहग
हर दिन ढ़लती सुरमई शाम...

समेट उलझे मोह के धागे विस्तृत सारे
बटोही..चेत अब ..जाना है निज धाम...

कर्म ही पूजा.. कर्म जब हों सभी निष्काम...
समर्पित गुण-अवगुण मेरे, तुझको मेरे राम !

व्यर्थ चिंतन तज मन मेरे, श्रद्धा का दामन थाम...
कर्ता - कारणहार वही है..तेरा तो बस नाम !
"मोरनी"
नीड़ को ज्यों लौटें खग - विहग हर दिन ढ़लती सुरमई शाम... समेट उलझे मोह के धागे विस्तृत सारे बटोही..चेत अब ..जाना है निज धाम... कर्म ही पूजा.. कर्म जब हों सभी निष्काम... समर्पित गुण-अवगुण मेरे, तुझको मेरे राम ! व्यर्थ चिंतन तज मन मेरे, श्रद्धा का दामन थाम... कर्ता - कारणहार वही है..तेरा तो बस नाम ! "मोरनी"
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  • Jo mil na ska uska intzaar kyu h,
    Jo mil raha h usse inkaar kyu h,
    Bda mushkil h smjhna khud ko,
    Jise fikar hi nhi hamaari.....
    Uske liya itna pyaar kyu h...!
    Jo mil na ska uska intzaar kyu h, Jo mil raha h usse inkaar kyu h, Bda mushkil h smjhna khud ko, Jise fikar hi nhi hamaari..... Uske liya itna pyaar kyu h...! 🥺🥺🥺🥺🥺
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  • जादू है तेरी हर एक बात में,,
    याद बहुत आते हो दिन और रात में
    कल जब देखा था सपना मैने रात में,,
    तब भी आपका ही हाथ था मेरे हाथ में...!
    जादू है तेरी हर एक बात में,, याद बहुत आते हो दिन और रात में कल जब देखा था सपना मैने रात में,, तब भी आपका ही हाथ था मेरे हाथ में...!
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  • मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
    हमें तो मरता सिर्फ खुदा ने देखा है,
    मैं तन्हाई में बैठकर अकसर रोता हूं,
    लोगों ने तो सिर्फ मुझे मुस्कुराते देखा है....!
    मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, हमें तो मरता सिर्फ खुदा ने देखा है, मैं तन्हाई में बैठकर अकसर रोता हूं, लोगों ने तो सिर्फ मुझे मुस्कुराते देखा है....!
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  • अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गए,
    बातों के सिलसिले भी कम हो गए,
    खुशियों से ज़्यादा हमारे पास गम गए,
    क्या पता ये वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए...!
    अब तो हम तेरे लिए अजनबी हो गए, बातों के सिलसिले भी कम हो गए, खुशियों से ज़्यादा हमारे पास गम गए, क्या पता ये वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए...! 🥺🥺🥺
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