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  • चलो आज अपनी कहानी सुनाती हूँ
    कैसी हूँ मैं ये तुम्हें बताती हूँ?
    गुस्सा ज़रा ज्यादा करती हूँ पर प्यार भी जताती हूँ
    अच्छों के साथ अच्छी और बुरों के साथ बुरी बन जाती हूँ
    ज्यादा समझदार तो हूँ नहीं
    नेक दिली का सवाल तुम पर छोड़ती हूँ?
    चालाक मैं हूँ नहीं
    अच्छे बुरे को पहचान जाती हूँ
    इंसानों से ज़्यादा बनती नहीं मेरी
    बेज़ुबानों से नाता जोड़ लेती हूँ
    लफ़्ज़ों के तीर ज़रा संभाल के रखती हूँ
    खंजर न बन जाए ये ख्याल रखती हूँ
    ख्वाहिशें कुछ ज्यादा नहीं
    बस चार वक्त्त चाय और कुछ सूट चाहती हूँ
    इस तरह से सुकून तलाश लेती हूँ
    "मोरनी"

    चलो आज अपनी कहानी सुनाती हूँ कैसी हूँ मैं ये तुम्हें बताती हूँ? गुस्सा ज़रा ज्यादा करती हूँ पर प्यार भी जताती हूँ अच्छों के साथ अच्छी और बुरों के साथ बुरी बन जाती हूँ ज्यादा समझदार तो हूँ नहीं नेक दिली का सवाल तुम पर छोड़ती हूँ? चालाक मैं हूँ नहीं अच्छे बुरे को पहचान जाती हूँ इंसानों से ज़्यादा बनती नहीं मेरी बेज़ुबानों से नाता जोड़ लेती हूँ लफ़्ज़ों के तीर ज़रा संभाल के रखती हूँ खंजर न बन जाए ये ख्याल रखती हूँ ख्वाहिशें कुछ ज्यादा नहीं बस चार वक्त्त चाय और कुछ सूट चाहती हूँ 😜 इस तरह से सुकून तलाश लेती हूँ 😍 "मोरनी"
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  • अच्छी थी पगडंडी अपनी
    सडकों पर तो जाम बहुत है
    फुर्र हो गयी फ़ुरसत अब तो
    सबके पास काम बहुत है
    नहीं जरूरत बूढ़ों की अब
    बच्चा बुद्धिमान बहुत है
    उजड़ गए सब बाग बगीचे
    दो गमलों में शान बहुत है
    चाय के शौकीन कहाँ अब
    कॉफ़ी के तलबगार बहुत हैं
    हो गए हीटर के इतने आदी
    कहते हैं कि पाला बहुत है
    झुके झुके स्कूली बच्चे
    बस्तों में सामान बहुत है
    सुविधाओं का है ढेर लगा
    पर इंसान परेशान बहुत है l
    " मोरनी "
    अच्छी थी पगडंडी अपनी सडकों पर तो जाम बहुत है फुर्र हो गयी फ़ुरसत अब तो सबके पास काम बहुत है नहीं जरूरत बूढ़ों की अब बच्चा बुद्धिमान बहुत है उजड़ गए सब बाग बगीचे दो गमलों में शान बहुत है चाय के शौकीन कहाँ अब कॉफ़ी के तलबगार बहुत हैं हो गए हीटर के इतने आदी कहते हैं कि पाला बहुत है झुके झुके स्कूली बच्चे बस्तों में सामान बहुत है सुविधाओं का है ढेर लगा पर इंसान परेशान बहुत है l " मोरनी "
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  • तुम सोचते हो कि
    तुम औरत को समझते हो
    अरे छोड़ो...
    पहले दालों के नाम समझकर बताओ ज़रा
    साबुत मूंग और मूंग छिलके वाली में ही फर्क़ बतलाओ ज़रा
    वो जब तुमसे कहती है कि तुमसे बात नहीं करनी
    असल में उसे तुमसे बात करने की ज़रूरत सबसे ज़्यादा है
    और जब वो तुमसे कुछ ढूँढने को कहे तो ढूंढ दिया करो
    क्योंकि जब तुम नहीं होते हो उसके बालों की रबङ इतनी दफ़ा भी गुम नहीं होती
    उसका तुमसे कुछ ढुंढवाना, अलमारी के उपर से कुछ उतरवाना
    कुछ गैर ज़रूरी हिसाब बताना, बात न करना मुँह पिचकाना
    और ये कहना मुझे तुम नहीं चाहिए, कह के गले लग जाना
    ये बताता है कि तुम उसे कभी नहीं समझ सकते
    तुम्हें बस उसके साथ बने रहना है
    तुम्हें बस यही तो करना है,
    बाकी तुम उसे समझ कभी नहीं सकते l
    "मोरनी"

    तुम सोचते हो कि तुम औरत को समझते हो अरे छोड़ो... पहले दालों के नाम समझकर बताओ ज़रा साबुत मूंग और मूंग छिलके वाली में ही फर्क़ बतलाओ ज़रा वो जब तुमसे कहती है कि तुमसे बात नहीं करनी असल में उसे तुमसे बात करने की ज़रूरत सबसे ज़्यादा है और जब वो तुमसे कुछ ढूँढने को कहे तो ढूंढ दिया करो क्योंकि जब तुम नहीं होते हो उसके बालों की रबङ इतनी दफ़ा भी गुम नहीं होती उसका तुमसे कुछ ढुंढवाना, अलमारी के उपर से कुछ उतरवाना कुछ गैर ज़रूरी हिसाब बताना, बात न करना मुँह पिचकाना और ये कहना मुझे तुम नहीं चाहिए, कह के गले लग जाना ये बताता है कि तुम उसे कभी नहीं समझ सकते तुम्हें बस उसके साथ बने रहना है तुम्हें बस यही तो करना है, बाकी तुम उसे समझ कभी नहीं सकते l "मोरनी"
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  • चाय सिर्फ चाय नहीं
    ये इश्क़ है खुद का खुद से
    बातें हैं खुद से बिना आवाज की
    भाप में लिपटी हुई पत्तियों की
    धीमी महक के साथ
    गोल होते होंठों के बीच
    धीरे धीरे घूमती है
    सुरररर् की मीठी गूंज
    वो रस जो डूबता है उसमें
    जैसे कोई अपने अंदर ही गोता लगा रहा हो
    हर घूंट में आधी खुली आंखें
    थोड़ी गर्मी थोड़ा सुकून
    जैसे कोई मोहब्बत मिल गयी हो
    अपने ही भीतर कहीं l
    हाय ये चाय
    "मोरनी"
    चाय सिर्फ चाय नहीं ये इश्क़ है खुद का खुद से बातें हैं खुद से बिना आवाज की भाप में लिपटी हुई पत्तियों की धीमी महक के साथ गोल होते होंठों के बीच धीरे धीरे घूमती है सुरररर् की मीठी गूंज वो रस जो डूबता है उसमें जैसे कोई अपने अंदर ही गोता लगा रहा हो हर घूंट में आधी खुली आंखें थोड़ी गर्मी थोड़ा सुकून जैसे कोई मोहब्बत मिल गयी हो अपने ही भीतर कहीं l हाय ये चाय ❤️ "मोरनी"
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