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हे कान्हा...
जब जब मैंने पग धरा
तब तब तुमने हाथ धरा
जब जब डगमग हुए कदम
तूने मुझको थाम लिया
क्या मांगूं तुमसे मैं प्रभु
हरपल तेरा स्नेह मिला
तुम तो सर्वज्ञ हो प्रभु
तुमने यह संसार रचा
गुण अवगुण हैं तुमको अर्पित
अब तुम ही करो उद्धार सखा ll
"मोरनी "🙏🏻🙏🏻
हे कान्हा... जब जब मैंने पग धरा तब तब तुमने हाथ धरा जब जब डगमग हुए कदम तूने मुझको थाम लिया क्या मांगूं तुमसे मैं प्रभु हरपल तेरा स्नेह मिला तुम तो सर्वज्ञ हो प्रभु तुमने यह संसार रचा गुण अवगुण हैं तुमको अर्पित अब तुम ही करो उद्धार सखा ll "मोरनी "🙏🏻🙏🏻
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