बाहर की दुनिया बदलती रहेगी
दिक्कत परेशानी सब चलती रहेगी
पर तु नदी सा ना उनके संग बह जा
खुद को स्थिर पहाड बना
तु खुद में ठहराव ला
चौदह दिन बढे चांद फिर आगे घटे चांद
तु उस चांद सा ना हो जा,
जो अमावस में भी पूरा रहे खुद को ऐसा सूरज बना
तु खुद में ठहराव ला
पतझड सावन सब एक से
तु टहनी पर ना जा
जो सूखे में भी जिंदा रहे खुद को ऐसा बीज बना
तु खुद में ठहराव ला
अमृत के लिए देव लङे विष देख सब भागे
जो उस विष को भी ग्रहण करे, खुद में ऐसे महादेव जगा
तु खुद में ठहराव ला, तु खुद में ठहराव ला ।।
"मोरनी"
दिक्कत परेशानी सब चलती रहेगी
पर तु नदी सा ना उनके संग बह जा
खुद को स्थिर पहाड बना
तु खुद में ठहराव ला
चौदह दिन बढे चांद फिर आगे घटे चांद
तु उस चांद सा ना हो जा,
जो अमावस में भी पूरा रहे खुद को ऐसा सूरज बना
तु खुद में ठहराव ला
पतझड सावन सब एक से
तु टहनी पर ना जा
जो सूखे में भी जिंदा रहे खुद को ऐसा बीज बना
तु खुद में ठहराव ला
अमृत के लिए देव लङे विष देख सब भागे
जो उस विष को भी ग्रहण करे, खुद में ऐसे महादेव जगा
तु खुद में ठहराव ला, तु खुद में ठहराव ला ।।
"मोरनी"
बाहर की दुनिया बदलती रहेगी
दिक्कत परेशानी सब चलती रहेगी
पर तु नदी सा ना उनके संग बह जा
खुद को स्थिर पहाड बना
तु खुद में ठहराव ला
चौदह दिन बढे चांद फिर आगे घटे चांद
तु उस चांद सा ना हो जा,
जो अमावस में भी पूरा रहे खुद को ऐसा सूरज बना
तु खुद में ठहराव ला
पतझड सावन सब एक से
तु टहनी पर ना जा
जो सूखे में भी जिंदा रहे खुद को ऐसा बीज बना
तु खुद में ठहराव ला
अमृत के लिए देव लङे विष देख सब भागे
जो उस विष को भी ग्रहण करे, खुद में ऐसे महादेव जगा
तु खुद में ठहराव ला, तु खुद में ठहराव ला ।।
"मोरनी"
