Sponsored
एक दिन मैं समेट कर चल दूँगी
अपनी रंग बिरंगी साड़ियां
सब सहेजे गए चुन-चुन कर लिए दुपट्टे
अच्छे बुरे वक्त की लिखी डायरियाँ
सोने चाँदी के गहनें
मन को बहलाने के लिए बनाई पेंटिंग
लकड़ी के फ्रेम, बीस तरह की ब्रश
रंग-बिरंगे धागे और घुंघरूं वाली लटकन
दुनिया भर के नेलपेंट और लिपस्टिक से भरे डिब्बे
शीशे पर चिपकी हुई बिंदिया।
समेट कर चल दूंगी रसोई की सारी खुशबू अपनी हथेली में
उठा कर चल पडूंगी सारी धरती अपने ही सिर
पीतल की टोकनी के ज्यों
अब बोलो क्या बचेगा तुम्हारा
चार जोड़ी कपड़ों के सिवा इस घर में ?
"मोरनी"
एक दिन मैं समेट कर चल दूँगी अपनी रंग बिरंगी साड़ियां सब सहेजे गए चुन-चुन कर लिए दुपट्टे अच्छे बुरे वक्त की लिखी डायरियाँ सोने चाँदी के गहनें मन को बहलाने के लिए बनाई पेंटिंग लकड़ी के फ्रेम, बीस तरह की ब्रश रंग-बिरंगे धागे और घुंघरूं वाली लटकन दुनिया भर के नेलपेंट और लिपस्टिक से भरे डिब्बे शीशे पर चिपकी हुई बिंदिया। समेट कर चल दूंगी रसोई की सारी खुशबू अपनी हथेली में उठा कर चल पडूंगी सारी धरती अपने ही सिर पीतल की टोकनी के ज्यों अब बोलो क्या बचेगा तुम्हारा चार जोड़ी कपड़ों के सिवा इस घर में ? "मोरनी"
0 Comments 0 Shares 321 Views