Sponsored
स्त्रियाँ जब भी मिलती हैं
बेहद बात करती हैं
खोलती हैं मन की गांठे
जैसे पुरानी संदूक से निकली गठरी खुली हो।
हँसती हैं, खूब हँसती हैं
रोती हैं तो जरा सी आँख भर बस
दुनिया भर की बातें हैं इनके पास
दुनिया भर के उल्हाने
दुनिया भर के दुःख
दुनिया भर की खुशियाँ ll "मोरनी"
स्त्रियाँ जब भी मिलती हैं बेहद बात करती हैं खोलती हैं मन की गांठे जैसे पुरानी संदूक से निकली गठरी खुली हो। हँसती हैं, खूब हँसती हैं रोती हैं तो जरा सी आँख भर बस दुनिया भर की बातें हैं इनके पास दुनिया भर के उल्हाने दुनिया भर के दुःख दुनिया भर की खुशियाँ ll "मोरनी"
0 Comments 0 Shares 224 Views