Sponsored
न जाने कौन सी लिपि में लिखी गई हो तुम...

ए ज़िंदगी !

कभी कोशिश ही नहीं की जानने की मैने

क्योंकि मुझे तुम्हें पढ़ना नहीं

बस प्यार करना है

तुम अजनबी सी रही हमेशा

और मैं अनजान तुम्हारे लिए

अज्ञात के रहस्य को रहस्य ही रहने दो

क्योंकि मुझे तुम्हें समझना नहीं है

और न ही कुछ समझाना है तुम्हें

ए ज़िंदगी !

प्यार में कभी कोई शर्त नहीं होती

इस बात को हमें स्वीकार करना है।
"मोरनी"
न जाने कौन सी लिपि में लिखी गई हो तुम... ए ज़िंदगी ! कभी कोशिश ही नहीं की जानने की मैने क्योंकि मुझे तुम्हें पढ़ना नहीं बस प्यार करना है तुम अजनबी सी रही हमेशा और मैं अनजान तुम्हारे लिए अज्ञात के रहस्य को रहस्य ही रहने दो क्योंकि मुझे तुम्हें समझना नहीं है और न ही कुछ समझाना है तुम्हें ए ज़िंदगी ! प्यार में कभी कोई शर्त नहीं होती इस बात को हमें स्वीकार करना है। "मोरनी"
Love
2
0 Comments 0 Shares 82 Views