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मैंने जब भी देखा छुप-छुप कर देखा
मैंने जब भी चाहा छुप-छुप कर चाहा
मैंने जब भी सराहा छुप-छुपकर सराहा
मैंने जब भी परखा छुप-छुप कर परखा
मैंने पाया छुप-छुपकर बिल्कुल ख़रा सोना था
महज़ ख़्वाब ही तो था मेरा उसे हकीकत नहीं होना था ....
"प्रियंका मोर"
मैंने जब भी देखा छुप-छुप कर देखा मैंने जब भी चाहा छुप-छुप कर चाहा मैंने जब भी सराहा छुप-छुपकर सराहा मैंने जब भी परखा छुप-छुप कर परखा मैंने पाया छुप-छुपकर बिल्कुल ख़रा सोना था महज़ ख़्वाब ही तो था मेरा उसे हकीकत नहीं होना था .... "प्रियंका मोर"
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