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तन्हाई के लबों पर आज
ख़ामोशी के अफ़साने हैं

टकराते रहते हैं हकीकत से
ख़्वाब यह बहुत दीवाने हैं

राज़ दबे हैं गहरे कितने
दिल में कितने तहखाने हैं

झूठी मुस्कानों से रोके रखा
अश़्क वह आज बह जाने हैं

कोई तो तरकीब बताओ
कुछ रूठे दोस्त मनाने हैं

सच से तुम न नज़र चुराओ
नाकाफ़ी यह झूठे बहाने हैं

तुम थोड़ी और मोहलत दो
अभी हमें वादे और निभाने हैं

रोक कर रखो ज़रा वक्त को
हसीन लम्हे बस चंद चुराने हैं!!!
"मोरनी"
तन्हाई के लबों पर आज ख़ामोशी के अफ़साने हैं टकराते रहते हैं हकीकत से ख़्वाब यह बहुत दीवाने हैं राज़ दबे हैं गहरे कितने दिल में कितने तहखाने हैं झूठी मुस्कानों से रोके रखा अश़्क वह आज बह जाने हैं कोई तो तरकीब बताओ कुछ रूठे दोस्त मनाने हैं सच से तुम न नज़र चुराओ नाकाफ़ी यह झूठे बहाने हैं तुम थोड़ी और मोहलत दो अभी हमें वादे और निभाने हैं रोक कर रखो ज़रा वक्त को हसीन लम्हे बस चंद चुराने हैं!!! "मोरनी"
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