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करें प्यार खुद से
दोस्तों, हाल ही में मुझे एक विद्यालय ने 10वीं से 12वीं तक के छात्रों को सम्बोधित करने के लिए आमंत्रित करा। मैंने विद्यालय के प्राचार्य और प्रबंधन से जब इसका उद्देश्य पूछा तो उनका कहना था, ‘सर, आजकल के बच्चे अपना जीवन बहुत कैज़ूअल तरीके से जीते हैं। वे बड़ी कक्षाओं में आने के बाद भी अपने भविष्य के लिए बिलकुल भी सीरियस नहीं हैं।’ वैसे दोस्तों सामान्यत: हम सभी बड़ों की आजकल के बच्चों...
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